आज किसी ने पूछा कि जीवन मे सही फैसला कैसे ले और कैसे निर्धारित करे कि हम सही है|उद्धाहरण के तौर फर हमारे परिवार को ज़रुरत है हमारी और हम रखना चाहते है अपनी पढ़|ई को ज़|री|
तो दोस्तो एक छोटा सा सवाल पूछती हू
अगर आपको कही जाना है और आप घर से निकले आप के हाथ मे बहुत सारा समान है लेकिन अचानक से तूफान आ गया,बाढ़ आ गई सामान उठा के चलना तो दूर खुद को सम्भालना मुश्किल हो गया तो क्या करेगे सामान उठाएगे या जान बचाएगे?
स्वाभाविक है,जान बचाएगे,जिन्दा रहे तो सामान तो और भी बन ही जाएगा|इसी तरह से जीवन की जिम्मेदारी और प्राथमिकता को समझना है हरेक हालात मे| कुछ ऐसे रास्ते खोजने है कि समस्या भी सुलझा ले,सपने को भी साकार करे और सब साथ साथ हो ले बिना जीवन को उलझाए|
ज्योति वर्मा
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